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Friday 13 January 2012

"अब मन नहीं करता 'मै अन्ना हूँ' कहने का..."

अन्ना भक्त कहने लगे हैं- "अब मन नहीं करता 'मै अन्ना हूँ' कहने का..."
अन्ना गैंग ने एक अप्रत्याशित फैसला (अन्ना के अंधों के लिए तो आश्चर्य ही है) क्या लिया, सब स्तब्ध रह गये...
जब अन्ना गैंग ने बीजेपी का विरोध करने का फैसला लिया जबकि अपनी प्रेस कांफ्रेंस में MMRDA मैदान में अन्ना और केजरीवाल ने सारी दुनिया के सामने ये बयान दिया कि वो कांग्रेस का विरोध पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करेंगे... क्युकी कांग्रेस सत्ता में है और उसका दायित्व बनता है लोकपाल लाने का...

अन्ना हजारे और अन्ना गैंग के विरोध के सच्चे तथ्यात्मक कारण--
अन्ना गैंग का 'दोगला' वाकया मुझे अब भी अच्छी तरह याद है जब मैं उनको लेकर असमंजस में था ... हालाँकि मेरा शक विश्वास में नही बदला था.. मैं कई बार उनपे विश्वास करने की सोचता था.. मगर मेरी आत्मा का एक कोना मुझे रोके हुए था कि भगवान् ने किसी इंसान को सम्पूर्ण नही बनाया फिर मैं अन्ना को 'सम्पूर्ण' क्यों समझूं'??
अन्ना गैंग के गुर्गे 27 -28 अगस्त को आदर्शवादिता का ढोंग करते हुए साधारण 'अल्टो' कार में मंत्रियों के घरों के चक्कर लगा रहे थे जिसे कांग्रेस प्रायोजित मीडिया पूरी कवरेज दे रहा था.. मगर 'आरक्षण में बँटे' बच्चों से अनशन खुलवाकर जब ये गैंग एक अन्य प्रायोजक 'विलासिता से भरपूर' अस्पताल 'मेदान्ता' गुडगाँव पहुंचा (क्या दिल्ली में अन्य कोई सरकारी अस्पताल नहीं था??) तो उनका विशालकाय बाहुबली जैसा 'काफिला' देखकर मेरा विरोध आले दर्जे पर पहुँच गया...
और मैंने अपने देश के लिए, सच्चाई के लिए इस कांग्रेस के 'सेफ्टी वाल्व' का सम्पूर्ण विरोध करने का फैसला लिया...

जबकि विरोधी मैं इस गैंग का मई के महीने से ही हूँ जब मैंने पहली बार विश्वबंधु गुप्ता जी को सुना था...
http://www.youtube.com/watch?v=zQDKDvkGvz4
जब मैंने पहली बार अपने इस ब्लॉग पर ये लेख छापा था..
http://jitendersinghshekhawat.blogspot.com/2011/07/blog-post_25.html

जिन बाबा रामदेव से मंच मिला उनका ही विरोध,
हरामी बुखारी का चरण चुम्बन,
अग्निवेश का देशद्रोही और अलगाववादी व्यवहार,
रामलीला मैदान अनशन के हिसाब में धांधली,
केजरीवाल और किरण बेदी के 'पैसा हथियाओ काण्ड',
संदीप सिसोदिया के NGO को फोर्ड फाउंडेशन का दान,
अशांत दूषण का कश्मीर को अलग करने का सुझाव,
अन्ना का तानाशाही और अन्ना गैंग की देशद्रोहिता पर धृतराष्ट्री रवैया,
संदीप पांडे और मेधा पाटकर की देश विरोधी संस्था 'Save Afzal Gooru',
संदीप पांडे और मेधा पाटकर का AFSPA विरोधी देशद्रोही रैली,
अन्ना की इंदिरा गाँधी-राजीव गाँधी के लिए सम्मान और चाटुकारितापूर्ण सहानुभूति,
कुमार अविश्वास द्वारा बाबा रामदेव और हिंदुत्व का अपमान ,
और सबसे नया MMRDA मैदान मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस में 'पांच राज्यों में कांग्रेस का विरोध करने के वायदे' से मुकरे...
इत्यादि...

इस तरह अनेक तथ्य आते गए और सच्चाई उजागर होती गई...
90 के दशक में तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार, शरद पवार के भयंकर भ्रष्टाचार और दाऊद इब्राहीम सरीखे आतंकी माफिया सरदार के खिलाफ मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन के तत्कालीन उपायुक्त जी.आर.खैरनार ने अपने जीवन को दांव पर लगाकर भीषण संघर्ष किया था... अत्यंत साधारण सा सामान्य जीवन जीने वाले बेहद ईमानदार खैरनार ने इसके लिए मीडियायी भांडों और उनकी नौटंकी का सहारा नहीं लिया था...
आज उन्हीं खैरनार ने न्यूज़ एक्सप्रेस चैनल पर चर्चा के दौरान बेबाकी से कहा कि
"मैं अन्ना हजारे को बहुत पहले से और बहुत करीब से जानता हूँ... इन दिनों उसकी बीमारी की बात भी उसका ड्रामा ही है, इससे पहले भी अपने कई अनशनों की असफलता छुपाने के लिए वो ऐसे ड्रामे करता रहा है... मुंबई में जनता से मिले जबर्दस्त तिरस्कार के मुद्दे से मुंह चुराने के लिए ही अन्ना की बीमारी का ड्रामा किया जा रहा है."
खैरनार ने यह भी कहा कि ये लोग अपना अहंकारी तानाशाही संकुचित रवैय्या छोड़े तथा भ्रष्ट लोगों के स्थान पर स्वच्छ छवि के लोगों को लाया जाए तो मैं खुद इस आन्दोलन से जुड़ सकता हूँ...

मैं हमेशा ये सवाल 'अन्ना भक्तों' से पूछता हूँ, मगर आज तक किसी ने भी तथ्यों के साथ सत्य जवाब नही दिया है-
कुछ तथा-कथित 'भ्रष्टाचार विरोधी' लोग अन्ना हजारे और बाबा रामदेव को एक साथ जोड़ते हैं... उन सब बुद्धिजीवियों से कुछ सवाल--
१. माना कि अन्ना हजारे स्वच्छ छवि के हैं और अनशन करने की क्षमता रखते हैं इस उम्र में और इसी क्षमता का सदुपयोग अन्ना टीम ने किया है.. लेकिन मैं जानना चाहता हूँ कि अन्ना टीम के सदस्यों में देशहित को लेकर टकराव क्यों हैं... उदाहरण के लिए प्रशांत भूषण की कश्मीर टिप्पणी और संदीप पांडे व मेधा पाटकर द्वारा AFSPA का विरोध 'देशद्रोहिता' की हद पार कर रहे हैं.??
२. अन्ना गैंग बाबा रामदेव का राष्ट्रीय मंच छीन कर उन्हें लतियाने वाले कथित 'सेकुलर' हैं जिन्हें अपने अनशन के मंच पर भारत माता की तस्वीर पसंद नहीं... इस विषय पर कोई अपने विचार देना चाहेगा.??
३. बाबा रामदेव को कथित दूसरा गाँधी और उसके छुटभैये NGO संचालक अपने साथ एक मंच पर क्यों नहीं रखना चाहते.???
४. इस देश में देश हित का केवल एक ही मुद्दा है 'जन-लोकपाल'..???  ड्राफ्ट देख रखा है इस 'पिलपिले' लोकपाल का... आश्चर्य की बात चोर से ही जेल बनवा रहे हैं.?? दीवार में 'बचाव के छिद्र' तो छूटेंगे ही..??
५. बाबा के राष्ट्रीय संस्कृति बचाओ, स्वदेशी और काला धन जैसे अन्य मुद्दों पर 'अन्ना गैंग' बात क्यों नही करता..??
६. अन्ना गैंग परिवर्तित 'सिक-यु-लायर्स' हैं जिनके प्रायोजक विदेशी चंदा देने वाले हैं... मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि जिस संगठन की नींव इतनी खोखली और राष्ट्रविरोधी है.. वो देश में 'ईमानदारी के तमगे बांटने वाला' और 'भ्रष्टाचार का सर्व-नाशक' कैसे हो सकता है.?? अपने विचार जरुर रखियेगा...
७. क्या कोई मुझे बताएगा कि रामलीला मैदान में प्रायोजित और नियोजित अनशन कथित 'मुस्लिम' और दलित' लड़कियों से ही क्यों खुलवाया गया... क्या मासूम और भगवान के रूप बच्चे भी 'आरक्षण' में बँटे हुए हैं... ऐसा करने के पीछे कितनी घृणित राजनीति है... ये कोई नही देख पाया.?? जो लोग देश को धर्म और आरक्षण में बाँट रहे हैं, वो 'राष्ट्र हितैषी' और गैर राजनैतिक कैसे हो सकते हैं.??? इस सवाल का जवाब अवश्य दीजियेगा.??

कांग्रेस का कथित एजेंट 'अन्ना गैंग' जिसका उपयोग कांग्रेस ने बाबा रामदेव के आन्दोलन को कुचलने के लिए 'मोहरे' के रूप में किया... बाबा के कभी ना साथ थे और ना ही हो सकते हैं... ये कडवा सार्व-भौमिक सत्य है जिसे अन्ना के 'अंध-समर्थक' समझ लें और जान लें...

मैं अन्ना गैंग का विरोध जारी रखूँगा क्योकि ये वो गैंग है जिसने बाबा रामदेव के साथ साथ माँ भारती की तस्वीर को भी साम्प्रदायिक बोल कर मंच से उतार फेंका था...
अन्ना गैंग के लोगो के कुछ बयान--
रामदेव को योग सिखाना चाहिए, कमिटी में कौन रहेगा या कौन नहीं, रामदेव कौन होता है हमें सिखाने वाला.. -शांति भूषण.
बाबा रामदेव केवल योग गुरु है देश हित के लिए हमें उनकी राय की जरुरत नहीं है... --अरविन्द केजरीवाल.
हमारी छह शर्ते है रामदेव मान लेते है तो हम उनके मंच पर जायेगे नहीं तो नहीं.. --अन्ना हजारे.
रामदेव के पास सोचने समझने की शक्ति नहीं है... --अन्ना हजारे (4 जून के बाद )
रामदेव केवल अपनी दुकान चलाना चाहते है इसलिए वो अन्ना के आन्दोलन में अपने सहयोग को दर्शाना चाहते है लेकिन अन्ना के मंच पर किसी और को आने नहीं देंगे हम... --किरण बेदी, प्रशांत भूषण, अरविन्द केजरीवाल, संदीप पांडे (अन्ना के तिहाड़ से बाहर आने के बाद मीडिया में)
रामदेव अगर चाहे तो भी हम उनके साथ नहीं आ सकते, हमारा और उनका रास्ता अलग अलग है, उनके साथ संघ और भाजपा के लोग है.. --अन्ना हजारे.
अन्ना तो फकीर है... बाबा रामदेव को मैंने समझाया कि भैया अगर अपनी दुकान चलानी है तो सरकार से पंगा ना ले... तुम अनशन वन्शन के चक्कर में मत पड़ो, तुम्हारी दुकान बंद हो जायेगी  मैं 4 जून को सोया और सुबह उठ कर देखा पूरा नज़ारा ही अलग था, रामदेव की दुकान का शटर गिर चूका था सारा सामान यहाँ-वहाँ फैला हुआ था... --कुमार विश्वास.


अन्ना गैंग के कुछ और सदस्यों के देशद्रोही बयान-
मेधा पाटेकर-  खुशहाल कश्मीर भूंखे नंगे हिन्दुस्तान के साथ क्यूँ रहे.??
प्रशांत भूषण- आज़ाद कश्मीर को पाकिस्तान को दे देना चाहिए...
संदीप पाण्डेय- अफजल भी इंसान है उसके भी कुछ हक और अधिकार हैं...

और अब तक की सबसे बड़ी 'पर्दानशीं' सच्चाई, जिसे अन्ना गैंग और उसके समर्थक कभी स्वीकार नही करते--
लोकपाल का मुद्दा-
लोकपाल सन 1968 से शुरू हुई उस भ्रष्टाचार विरोधी संस्था का नाम है जो कभी अपने मुकाम तक नही पहुँच पाई यानि कि क़ानून नही बन पाई...
लोकपाल के मुद्दे को अरविन्द केजरीवाल और अन्ना गैंग ने 93 वर्षीय आदरणीय शम्भू दत्त शर्मा जी से चुराया, जिन्होंने वास्तव में जंग-ए-आजादी में अंग्रेजों से तो लोहा लिया ही था साथ ही साथ 93 वर्ष की इस अवस्था में भी भयंकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर इसी साल 30 जनवरी को आमरण अनशन पर बैठ गए थे... शर्मा जी इसके पहले पिछले 12 वर्षों से अधिक समय से, तब से लोकपाल की लड़ाई लड़ रहे हैं जब पूरा 'अन्ना गैंग' मोटी तनख्वाहों वाली ऊंची सरकारी नौकरियों में मौज ले रहा था और 'कमाने-खाने' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों के जुगाड़ में लगा था...
लेकिन "अन्ना गैंग" और उसका सरगना किशन बाबू राव भूल कर भी श्री शम्भु दत्त जी का नाम नहीं लेता...
इस साल जब बिना किसी प्रचार के श्रद्धेय शर्मा जी आमरण अनशन पर बैठ गए थे तब इसके बाद सक्रिय हुए इस अन्ना गैंग ने इन 93 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को किस तरह धोखा दिया, आहत किया, इसकी जानकारी लीजिये--
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10652101.cms

शम्भू दत्त शर्मा जी के विषय में और लोकपाल आन्दोलन के उनके संघर्ष तथा "अन्ना गैंग" द्वारा किये गए छल की विस्तृत जानकारी के लिए इस वेब लिंक को भी क्लिक कर के देखिये-
http://epaper.hindustantimes.com/PUBLICATIONS/HT/HKL/2011/07/03/ArticleHtmls/THE-ORIGINAL-ANNA-03072011011029.shtml


"..........आस्तीनों के साँपों की कमी नही है भारत में............
'एक टोली' में देखना चाहो तो 'कांग्रेस और अन्ना गैंग' को देखो."


कुछ अन्य लिंक इस गैंग के विरोध के समर्थन में--
http://www.youtube.com/watch?v=G4zRHEw21h8 

http://rajuparulekar.files.wordpress.com/2011/12/vipin-nayyar-story.pdf

http://www.youtube.com/watch?v=byDBpRL4yCo


वन्दे मातरम्...
जय हिंद.. जय भारत...

6 comments:

  1. कोशिश की है, जवाब आपको दूँ, here they are :

    १. महात्मा गांधी और भगत सिंह को तो जानते ही होंगे महानुभव आप. दोनों लोगों की सोच में अन्तर था, बहुत बड़ा अंतर, और दोनों देश का भला ही चाहते थे. तो क्या ऐसा इस केस में लागू नहीं हो सकता ???
    २. भारत माता की तसवीर पसंद नहीं ??? महाशय यह लड़ाई भारत माता के लिए ही लड़ी जा रही थी, और आप हैं की तस्वीर में लगे पड़े हैं. सोच ऊपर कीजिये, तब बड़ा पहलू दिखेगा, नहीं तो कपिल सिब्बल मतीन ही रह जायेंगे आप भी ;)
    ३. बाबा रामदेव ने कब ऐसा कह दिया मैं आ रहा हूँ अन्ना के साथ ??? कभी नहीं... एक अकेला आदमी और दूसरी तरफ पढ़े लिखों का एक संगठन, किसको किसके पास जाना चाहिए, इसका आपके जवाब शायद हो, देश हित में बाबा इतना तो कर ही सकते हैं.
    ४. इतना पिलपिला है यह लोकपाल तो अब तक लागू क्यों नहीं हो गया ??? साले संसद में बैठे हर चोर को पता है की लोकपाल आने पर सबसे पहले उन्हें ही जेल जाना होगा. RTI की भी ऐसे ही शुरुआत हुई थी, आज दिखिए देश में कहीं ना कहीं उसका डर जरूर दीखता है सबमें
    ५. बाबा रामदेव के खिलाफ मैं भी नहीं, परन्तु रामदेव देखा देखि में विशवास रखते हैं, ऐसा मुझे लगता है. क्या जरुरत थी अन्ना के अनशन के बाद फिर से अनशन करने की ??? क्या यह उचित नहीं था की एक संगठन जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है, उसके साथ होकर यह लड़ाई लड़ी जाय. ???
    ६. अगस्त में जब से अन्ना का अनशन टूटा है टीम अन्ना के हर सदस्य पर मानसिक और शारीरिक रूप से हमले किये जा रहे हैं, कुछ लोगों के इस संगथ्हन ने अगस्त में इस नीच सरकार को खोखला साबित कर दिया था, पर जब आपके दुश्मन कांग्रेस जैसे दोगले हों तो कोई भी संगथ्हन की नींव हिल सकती है.
    ७. क्या आप इस बात की गांरंटी देते हैं की किसी ब्रह्मण लड़की ने अन्ना का अनशन तुडवाया होता तो हम नीच प्रवृत्ति के भारतीय यह सवाल नहीं करते की अन्ना ने ब्रह्मण लड़की के हाथों क्यों तोड़ा ???

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  2. is article ka lekhak ek bahut bada pessimist hai. Aise log koi constructive work kabhi bhi nahi kar sakte aur jo karne ki kosish karega usme buraiyan nikalate phirenge. Aur iske bevkoofhi bhare 7 sawal dekhkar lagta hai isme common sense bhi nahi hai thoda sa bhi....

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  3. आकाश... आपकी कोशिश नाकाम रही है, आप कोई एक सवाल भी तर्कसंगत और न्यायसंगत नही कर पाए...
    ब्लॉग बना लेना इस बात की गारंटी नहीं है कि उस शख्स को तर्कसंगत ज्ञान हो...
    अन्ना के अंधों में मैंने तुम जैसा मूढ़ नही देखा आकाश... तुम्हारा स्तर तो नही है कि मैं तुम्हे जवाब दूँ.. मगर अपना राष्ट्रवादी होने का कर्तव्य निभा रहूँ क्युकी मैं सभी निर्णय और जवाब "राष्ट्र सर्वप्रथम सर्वोपरि" मानकर देता हूँ...
    तुम्हारी भाषा ब्रेन वाश्ड 'फिदायीन' जैसी है जिसे सत्य से कोई लेना देना नही.. अपने मालिक के सिखाये अनुसार सिर्फ दुश्मन को उडाना है...
    और आप जितना 'कुतर्की' और कल्पना शील 'अंधे का अँधा' मैंने आज तक नही देखा...
    मुझे उम्मीद भी नही थी कि इतना सब 'सबूत' और लिंक के रूप में देने के बावजूद भी कोई अन्धा यहाँ आकर 'मुहं मारेगा'.??
    खैर आप जैसे लोगो का पूरा इलाज है मेरे पास...
    साथ में आपको ये और बता देता हूँ दुबारा यहाँ आओ तो तर्क संगत होकर आना...
    वरना मुझे 'व्यक्ति पूजक' लोगो से बड़ी चिढ है जो देश से ऊपर किसी व्यक्ति "पहला या दूसरा गाँधी' को सब कुछ समझते हैं...
    १. मैं हर उस आदमी को मूर्ख ही समझता हूँ जो आदर्शवाद और नैतिकता छोड़ कर मोहनदास गाँधी जैसे लोगो का योगदान आजादी की लड़ाई में समझता है... नेहरु गाँधी ने हमेशा तब से अब तक इस देश का सर्वनाश ही किया है... और देश के सभी विवादों और हालतों के लिए ये ही लोग जिम्मेदार हैं... और जब आप यहाँ भगत सिंह की तुलना बाबा रामदेव से और अन्ना की तुलना गांधी से कर रहे हो तो आपने ही सब बहस का अंत कर दिया है... बाबा रामदेव भगत सिंह हैं या नही, मैं नही कह सकता मगर दोगला अन्ना हिन्दू विरोधी गांधी ही है और आप जैसे रूमाल सर पर बांधकर मुल्लों की मजारों पर सर पटकने वाले हिन्दुओं का भगवान्/खुदा भी...
    पहले गांधी की असलियत पता करो फिर अन्ना की और दोनों ही मेरे ब्लॉग में हैं... जब पता चल जाये तो चुप चाप धीरे से अपने विचार बदल लेना... ठीक है.???
    २. आपकी दूसरी गलतफहमी ये है कि ये लड़ाई भारत माता के लिए ही लड़ी जा रही है... सरासर गलत है... ये लड़ाई भारत माता की तस्वीर को सम्प्रदायिक कहकर हटा देने वाले 'सिक-यु- लायर्स' द्वारा कांग्रेस के लिए कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है और अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस का साथ देने के लिए ही लड़ी जा रही है... वरना कांग्रेस के खिलाफ बोलने वाले कांग्रेस के खिलाफ कुछ करते क्यों नही... जैसे अभी मुंबई में इन दोगलों ने घोषणा की थी कि ये सभी ५ राज्यों में चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ अभियान छेड़ेंगे... कहाँ गए MMRDA मैदान में हुंकार भरने वाले.??
    अन्ना गैंग कांग्रेस के नेताओं से ज्यादा दोगली है... सत्य भी यही है... कोई समझे या ना समझे...
    ३.और ५. अब मुझे तरस आ रहा है आपकी मंद-बुद्धि पर... इस विडियो को देख लेना यही सार्वभौमिक सत्य और जवाब है आपके सवाल का... ये अन्ना गैंग बाबा रामदेव जी का ही पाला हुआ है वरना अन्ना और उसके गुर्गों को 'दिल्ली का काला कुत्ता' भी नही जानता था... ये राष्ट्रीय मंच बाबा से हथियाया है अन्ना गैंग ने...
    http://www.youtube.com/watch?v=byDBpRL4yCo
    अन्ना गैंग पढ़े लिखों का संगठन है कि नहीं मगर 'देशद्रोहियों का संगठन' जरूर है...
    तुम ये सवाल अपने दुसरे 'बापू' अन्ना से पूछो कि क्या जरुरत है बार बार अनशन करने की.?? हर बार ही हिट हो जरूरी तो नही...
    आप जैसे लोग बाबा क्या किसी के साथ भी नही होने चाहिए.?? सिवाय दुश्मनों और विरोधियों के...
    ४. लोकपाल इसलिए ही लागू नही हुआ कि वो 'पिलपिला' है, १८० संशोधन मिले हैं... अपना ज्ञान बढ़ाएं खासतौर से कांग्रेस के बहुमत और लोकपाल के ड्राफ्ट के विषय में, फिर बहस करें...
    ६ अन्ना के गुर्गों पर जो हमले हुए वो जायज थे... सरकार इतनी गन्दी है कि तब ही जागती है जब कोई ऊँगली करता है... ऐसा इसलिए हुआ कि RSS और अन्य संगठनो ने सरकार के खिलाफ रामलीला मैदान में सब कुछ कहा और किया जिससे कांग्रेस को झटका लगा और उसने बदला लिया...
    RSS और राष्ट्रीय स्वाभिमान ने ही अगस्त का अनशन हिट कराया था वरना अन्ना गैंग की क्या औकात..?? मुंबई में करवा लिया हो न...???

    ७.. तुम कितने बड़े 'कुतर्की' हो आकाश... मैंने जो कहा वो ये है कि बच्चों की कोई जाति नहीं होती.. चाहे वो ब्राम्हण हो या दलित या मुस्लिम... मगर जिन लोगो ने अनशन ये कहकर खुलवाया कि देखो दलित और मुस्लिम की बेटियों से खुलवाया है... उनका उद्देश्य क्या गैर-राजनैतिक और देशहित होगा.?? कभी नही...
    भगवान् आपको विशेष सद्बुद्धि दे...
    जय श्री राम....
    वन्दे मातरम्...
    जय हिंद... जय भारत....

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  4. उन सब लोगो के लिए जिन्हें ये पोस्ट पढ़कर 'मानसिक तनाव' हुआ-
    इस देश में हमेशा से ही 'व्यक्ति पूजक', मानसिक गुलाम और अंधभक्त रहे हैं...
    हमेशा से ही वीर अभिमन्यु को 'कायरों के समूह' ने घेरकर मारा है...
    वीर भगत सिंह को अंध भक्तों के 'गुरु घंटाल' अंग्रेजों के चाटुकार गांधी जैसो ने 'भटके हुए' बताया है...
    क्या नया है अगर यहाँ भी कुछ मानसिक गुलाम अपनी चाटुकारिता अन्ना गैंग के विषय में दिखाएँ...
    मगर मैं तो यही कहूँगा सभी पाठको से कि "राष्ट्र सर्वप्रथम सर्वोपरि" मानकर-जानकर ही कोई भी बहस करना...
    भगवान् सबको सद्बुद्धि दे...
    जय श्री राम....
    वन्दे मातरम्...
    जय हिंद... जय भारत....

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  5. LIKHTE ACHHA HO MAGAR DOGALE TO TUM BHI HO..YAHA BAITHE BAKWAS JHHAD RAHE HO..AUR US ADAMI KO DOGALA KAH RAHE HO JISANE APNA SARA JEEVAN DUSARO K LIYE LAGA DIYA..80 SAAL KI UMAR ME BHARI DOPAHAR JANTAR MANTAR PE JAKAR ISALIYE UPWAS KIYA ISALIYE NARE LAGAYE KI HUME AUR TUMHE BEHTAR KAL MIL SAKE?USE KYA PADI HAI BRASTACHAR MITANE KI?80 SAAL KA ADMI AUR KITANE DIN JIYEGA?AUR TUM PAKKE BHAJPAI HO..BHAJPA AUR UPAR TIRANGE KI AAD ME KHUD KO RASTRAWADI BATA RAHE HO?TUMHARI AUKAT NAHI HAI KI TUM GNADHI YA ANNA K BARE ME EK SHABD BHI BOL PAO YA UNKA ULYANKAN KAR SAKO..SAMJHE MR.JITENDRA SINGH DOGALE

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  6. akash u are right dear..ye bas yaha ga rahe hai...un insano ko dogala kah rahe hai jinhone desh k liye dusaro k loiye apna pura zeewan dao pe laga diya..ye hai hatyare narendra modi aur sex scandal ki CD publish karne wale susheel joshi k pujarii

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