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Friday 13 January 2012

"अब मन नहीं करता 'मै अन्ना हूँ' कहने का..."

अन्ना भक्त कहने लगे हैं- "अब मन नहीं करता 'मै अन्ना हूँ' कहने का..."
अन्ना गैंग ने एक अप्रत्याशित फैसला (अन्ना के अंधों के लिए तो आश्चर्य ही है) क्या लिया, सब स्तब्ध रह गये...
जब अन्ना गैंग ने बीजेपी का विरोध करने का फैसला लिया जबकि अपनी प्रेस कांफ्रेंस में MMRDA मैदान में अन्ना और केजरीवाल ने सारी दुनिया के सामने ये बयान दिया कि वो कांग्रेस का विरोध पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में करेंगे... क्युकी कांग्रेस सत्ता में है और उसका दायित्व बनता है लोकपाल लाने का...

अन्ना हजारे और अन्ना गैंग के विरोध के सच्चे तथ्यात्मक कारण--
अन्ना गैंग का 'दोगला' वाकया मुझे अब भी अच्छी तरह याद है जब मैं उनको लेकर असमंजस में था ... हालाँकि मेरा शक विश्वास में नही बदला था.. मैं कई बार उनपे विश्वास करने की सोचता था.. मगर मेरी आत्मा का एक कोना मुझे रोके हुए था कि भगवान् ने किसी इंसान को सम्पूर्ण नही बनाया फिर मैं अन्ना को 'सम्पूर्ण' क्यों समझूं'??
अन्ना गैंग के गुर्गे 27 -28 अगस्त को आदर्शवादिता का ढोंग करते हुए साधारण 'अल्टो' कार में मंत्रियों के घरों के चक्कर लगा रहे थे जिसे कांग्रेस प्रायोजित मीडिया पूरी कवरेज दे रहा था.. मगर 'आरक्षण में बँटे' बच्चों से अनशन खुलवाकर जब ये गैंग एक अन्य प्रायोजक 'विलासिता से भरपूर' अस्पताल 'मेदान्ता' गुडगाँव पहुंचा (क्या दिल्ली में अन्य कोई सरकारी अस्पताल नहीं था??) तो उनका विशालकाय बाहुबली जैसा 'काफिला' देखकर मेरा विरोध आले दर्जे पर पहुँच गया...
और मैंने अपने देश के लिए, सच्चाई के लिए इस कांग्रेस के 'सेफ्टी वाल्व' का सम्पूर्ण विरोध करने का फैसला लिया...

जबकि विरोधी मैं इस गैंग का मई के महीने से ही हूँ जब मैंने पहली बार विश्वबंधु गुप्ता जी को सुना था...
http://www.youtube.com/watch?v=zQDKDvkGvz4
जब मैंने पहली बार अपने इस ब्लॉग पर ये लेख छापा था..
http://jitendersinghshekhawat.blogspot.com/2011/07/blog-post_25.html

जिन बाबा रामदेव से मंच मिला उनका ही विरोध,
हरामी बुखारी का चरण चुम्बन,
अग्निवेश का देशद्रोही और अलगाववादी व्यवहार,
रामलीला मैदान अनशन के हिसाब में धांधली,
केजरीवाल और किरण बेदी के 'पैसा हथियाओ काण्ड',
संदीप सिसोदिया के NGO को फोर्ड फाउंडेशन का दान,
अशांत दूषण का कश्मीर को अलग करने का सुझाव,
अन्ना का तानाशाही और अन्ना गैंग की देशद्रोहिता पर धृतराष्ट्री रवैया,
संदीप पांडे और मेधा पाटकर की देश विरोधी संस्था 'Save Afzal Gooru',
संदीप पांडे और मेधा पाटकर का AFSPA विरोधी देशद्रोही रैली,
अन्ना की इंदिरा गाँधी-राजीव गाँधी के लिए सम्मान और चाटुकारितापूर्ण सहानुभूति,
कुमार अविश्वास द्वारा बाबा रामदेव और हिंदुत्व का अपमान ,
और सबसे नया MMRDA मैदान मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस में 'पांच राज्यों में कांग्रेस का विरोध करने के वायदे' से मुकरे...
इत्यादि...

इस तरह अनेक तथ्य आते गए और सच्चाई उजागर होती गई...
90 के दशक में तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार, शरद पवार के भयंकर भ्रष्टाचार और दाऊद इब्राहीम सरीखे आतंकी माफिया सरदार के खिलाफ मुंबई म्युनिसिपल कारपोरेशन के तत्कालीन उपायुक्त जी.आर.खैरनार ने अपने जीवन को दांव पर लगाकर भीषण संघर्ष किया था... अत्यंत साधारण सा सामान्य जीवन जीने वाले बेहद ईमानदार खैरनार ने इसके लिए मीडियायी भांडों और उनकी नौटंकी का सहारा नहीं लिया था...
आज उन्हीं खैरनार ने न्यूज़ एक्सप्रेस चैनल पर चर्चा के दौरान बेबाकी से कहा कि
"मैं अन्ना हजारे को बहुत पहले से और बहुत करीब से जानता हूँ... इन दिनों उसकी बीमारी की बात भी उसका ड्रामा ही है, इससे पहले भी अपने कई अनशनों की असफलता छुपाने के लिए वो ऐसे ड्रामे करता रहा है... मुंबई में जनता से मिले जबर्दस्त तिरस्कार के मुद्दे से मुंह चुराने के लिए ही अन्ना की बीमारी का ड्रामा किया जा रहा है."
खैरनार ने यह भी कहा कि ये लोग अपना अहंकारी तानाशाही संकुचित रवैय्या छोड़े तथा भ्रष्ट लोगों के स्थान पर स्वच्छ छवि के लोगों को लाया जाए तो मैं खुद इस आन्दोलन से जुड़ सकता हूँ...

मैं हमेशा ये सवाल 'अन्ना भक्तों' से पूछता हूँ, मगर आज तक किसी ने भी तथ्यों के साथ सत्य जवाब नही दिया है-
कुछ तथा-कथित 'भ्रष्टाचार विरोधी' लोग अन्ना हजारे और बाबा रामदेव को एक साथ जोड़ते हैं... उन सब बुद्धिजीवियों से कुछ सवाल--
१. माना कि अन्ना हजारे स्वच्छ छवि के हैं और अनशन करने की क्षमता रखते हैं इस उम्र में और इसी क्षमता का सदुपयोग अन्ना टीम ने किया है.. लेकिन मैं जानना चाहता हूँ कि अन्ना टीम के सदस्यों में देशहित को लेकर टकराव क्यों हैं... उदाहरण के लिए प्रशांत भूषण की कश्मीर टिप्पणी और संदीप पांडे व मेधा पाटकर द्वारा AFSPA का विरोध 'देशद्रोहिता' की हद पार कर रहे हैं.??
२. अन्ना गैंग बाबा रामदेव का राष्ट्रीय मंच छीन कर उन्हें लतियाने वाले कथित 'सेकुलर' हैं जिन्हें अपने अनशन के मंच पर भारत माता की तस्वीर पसंद नहीं... इस विषय पर कोई अपने विचार देना चाहेगा.??
३. बाबा रामदेव को कथित दूसरा गाँधी और उसके छुटभैये NGO संचालक अपने साथ एक मंच पर क्यों नहीं रखना चाहते.???
४. इस देश में देश हित का केवल एक ही मुद्दा है 'जन-लोकपाल'..???  ड्राफ्ट देख रखा है इस 'पिलपिले' लोकपाल का... आश्चर्य की बात चोर से ही जेल बनवा रहे हैं.?? दीवार में 'बचाव के छिद्र' तो छूटेंगे ही..??
५. बाबा के राष्ट्रीय संस्कृति बचाओ, स्वदेशी और काला धन जैसे अन्य मुद्दों पर 'अन्ना गैंग' बात क्यों नही करता..??
६. अन्ना गैंग परिवर्तित 'सिक-यु-लायर्स' हैं जिनके प्रायोजक विदेशी चंदा देने वाले हैं... मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि जिस संगठन की नींव इतनी खोखली और राष्ट्रविरोधी है.. वो देश में 'ईमानदारी के तमगे बांटने वाला' और 'भ्रष्टाचार का सर्व-नाशक' कैसे हो सकता है.?? अपने विचार जरुर रखियेगा...
७. क्या कोई मुझे बताएगा कि रामलीला मैदान में प्रायोजित और नियोजित अनशन कथित 'मुस्लिम' और दलित' लड़कियों से ही क्यों खुलवाया गया... क्या मासूम और भगवान के रूप बच्चे भी 'आरक्षण' में बँटे हुए हैं... ऐसा करने के पीछे कितनी घृणित राजनीति है... ये कोई नही देख पाया.?? जो लोग देश को धर्म और आरक्षण में बाँट रहे हैं, वो 'राष्ट्र हितैषी' और गैर राजनैतिक कैसे हो सकते हैं.??? इस सवाल का जवाब अवश्य दीजियेगा.??

कांग्रेस का कथित एजेंट 'अन्ना गैंग' जिसका उपयोग कांग्रेस ने बाबा रामदेव के आन्दोलन को कुचलने के लिए 'मोहरे' के रूप में किया... बाबा के कभी ना साथ थे और ना ही हो सकते हैं... ये कडवा सार्व-भौमिक सत्य है जिसे अन्ना के 'अंध-समर्थक' समझ लें और जान लें...

मैं अन्ना गैंग का विरोध जारी रखूँगा क्योकि ये वो गैंग है जिसने बाबा रामदेव के साथ साथ माँ भारती की तस्वीर को भी साम्प्रदायिक बोल कर मंच से उतार फेंका था...
अन्ना गैंग के लोगो के कुछ बयान--
रामदेव को योग सिखाना चाहिए, कमिटी में कौन रहेगा या कौन नहीं, रामदेव कौन होता है हमें सिखाने वाला.. -शांति भूषण.
बाबा रामदेव केवल योग गुरु है देश हित के लिए हमें उनकी राय की जरुरत नहीं है... --अरविन्द केजरीवाल.
हमारी छह शर्ते है रामदेव मान लेते है तो हम उनके मंच पर जायेगे नहीं तो नहीं.. --अन्ना हजारे.
रामदेव के पास सोचने समझने की शक्ति नहीं है... --अन्ना हजारे (4 जून के बाद )
रामदेव केवल अपनी दुकान चलाना चाहते है इसलिए वो अन्ना के आन्दोलन में अपने सहयोग को दर्शाना चाहते है लेकिन अन्ना के मंच पर किसी और को आने नहीं देंगे हम... --किरण बेदी, प्रशांत भूषण, अरविन्द केजरीवाल, संदीप पांडे (अन्ना के तिहाड़ से बाहर आने के बाद मीडिया में)
रामदेव अगर चाहे तो भी हम उनके साथ नहीं आ सकते, हमारा और उनका रास्ता अलग अलग है, उनके साथ संघ और भाजपा के लोग है.. --अन्ना हजारे.
अन्ना तो फकीर है... बाबा रामदेव को मैंने समझाया कि भैया अगर अपनी दुकान चलानी है तो सरकार से पंगा ना ले... तुम अनशन वन्शन के चक्कर में मत पड़ो, तुम्हारी दुकान बंद हो जायेगी  मैं 4 जून को सोया और सुबह उठ कर देखा पूरा नज़ारा ही अलग था, रामदेव की दुकान का शटर गिर चूका था सारा सामान यहाँ-वहाँ फैला हुआ था... --कुमार विश्वास.


अन्ना गैंग के कुछ और सदस्यों के देशद्रोही बयान-
मेधा पाटेकर-  खुशहाल कश्मीर भूंखे नंगे हिन्दुस्तान के साथ क्यूँ रहे.??
प्रशांत भूषण- आज़ाद कश्मीर को पाकिस्तान को दे देना चाहिए...
संदीप पाण्डेय- अफजल भी इंसान है उसके भी कुछ हक और अधिकार हैं...

और अब तक की सबसे बड़ी 'पर्दानशीं' सच्चाई, जिसे अन्ना गैंग और उसके समर्थक कभी स्वीकार नही करते--
लोकपाल का मुद्दा-
लोकपाल सन 1968 से शुरू हुई उस भ्रष्टाचार विरोधी संस्था का नाम है जो कभी अपने मुकाम तक नही पहुँच पाई यानि कि क़ानून नही बन पाई...
लोकपाल के मुद्दे को अरविन्द केजरीवाल और अन्ना गैंग ने 93 वर्षीय आदरणीय शम्भू दत्त शर्मा जी से चुराया, जिन्होंने वास्तव में जंग-ए-आजादी में अंग्रेजों से तो लोहा लिया ही था साथ ही साथ 93 वर्ष की इस अवस्था में भी भयंकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर इसी साल 30 जनवरी को आमरण अनशन पर बैठ गए थे... शर्मा जी इसके पहले पिछले 12 वर्षों से अधिक समय से, तब से लोकपाल की लड़ाई लड़ रहे हैं जब पूरा 'अन्ना गैंग' मोटी तनख्वाहों वाली ऊंची सरकारी नौकरियों में मौज ले रहा था और 'कमाने-खाने' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों के जुगाड़ में लगा था...
लेकिन "अन्ना गैंग" और उसका सरगना किशन बाबू राव भूल कर भी श्री शम्भु दत्त जी का नाम नहीं लेता...
इस साल जब बिना किसी प्रचार के श्रद्धेय शर्मा जी आमरण अनशन पर बैठ गए थे तब इसके बाद सक्रिय हुए इस अन्ना गैंग ने इन 93 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को किस तरह धोखा दिया, आहत किया, इसकी जानकारी लीजिये--
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10652101.cms

शम्भू दत्त शर्मा जी के विषय में और लोकपाल आन्दोलन के उनके संघर्ष तथा "अन्ना गैंग" द्वारा किये गए छल की विस्तृत जानकारी के लिए इस वेब लिंक को भी क्लिक कर के देखिये-
http://epaper.hindustantimes.com/PUBLICATIONS/HT/HKL/2011/07/03/ArticleHtmls/THE-ORIGINAL-ANNA-03072011011029.shtml


"..........आस्तीनों के साँपों की कमी नही है भारत में............
'एक टोली' में देखना चाहो तो 'कांग्रेस और अन्ना गैंग' को देखो."


कुछ अन्य लिंक इस गैंग के विरोध के समर्थन में--
http://www.youtube.com/watch?v=G4zRHEw21h8 

http://rajuparulekar.files.wordpress.com/2011/12/vipin-nayyar-story.pdf

http://www.youtube.com/watch?v=byDBpRL4yCo


वन्दे मातरम्...
जय हिंद.. जय भारत...

Monday 9 January 2012

अति-महत्वपूर्ण संदेश भारतीय युवाओं के लिए

अति-महत्वपूर्ण संदेश भारतीय युवाओं के लिए:-
उस परम-पिता ने सृष्टि की रचना से ही पुरुष को नारी से सर्वोत्तम बनाया है...
वो चाहे शारीरिक संरचना हो या मानसिक संरचना...
शायद कुछ महिलाओं को ये सत्य ना पचे मगर यही सार्वभौमिक सत्य है...
मादा की अपेक्षा नर हमेशा सुन्दर होता है...
जाने कितने ही उदाहरण हैं ऐसे-
आप मोर को देखिये और फिर मोरनी को देखिये...
आप बैल को देखिये और फिर गाय को देखिये...
आप शेर को देखिये और फिर शेरनी को देखिये...
सब भगवान् की लीला है...
और सृष्टि रचयिता ने हमेशा ही नर को सुन्दरता का प्रतिरूप बनाया है...

फिर ना जाने औरत के सामने आदमी स्वयं को 'हीन' क्यों समझता है.??
वर्तमान परिद्रश्य में देखें तो बहुत ही बुरा हाल है...
आजकल के युवा जो माँ-बाप के सामने जबान चलाते हैं...
हर छोटी-छोटी बात पर 'गुस्सा' और आँखें दिखाते हैं...
मगर जब उनके सामने कोई लडकी आ जाये
तो दुनिया के सबसे सभ्य बन जाते हैं...
'सबसे अच्छा' बनने के लिए वो सब जाल बुनते हैं जो 'लडकी' को पसंद हो...
अपनी सगी बहन को दो रूपये की टॉफी भी नहीं देते होंगे मगर 'गर्ल फ्रेंड' को अपनी पॉकेट मनी में से पचास रूपये की चोकलेट उपहारस्वरूप दे देते हैं...
ये कटु सत्य है...
क्यों... क्यों होता है ऐसा..??
क्यों भारतीय युवा 'दिशाहीन' हो रहा है..??
उनके जीवन का उद्देश्य क्यों भटक रहा है..??
 

क्युकी वर्तमान युवा चरित्रहीनता की तरफ बढ़ रहा है...
वो फिल्मो का अंध-अनुयायी है...
देश की फिल्मे और मीडिया उस देश के लोगो का चरित्र बनाते हैं...
आप ही देखें-
'दम भर जो उधर मुंह फेरे, ओ चंदा' (आवारा-1951) से 'ऊह-ला-ला ला' (डर्टी पिक्चर-2012) तक सारा चरित्र चल-चित्रण सामने है...


मैं तो बस इतना ही कहूँगा-
अपने माँ बाप और देश से ज्यादा प्यार, मोहब्बत और 'लड़की बाजी' को अहमियत देने वाले सभी लोगो के अस्तित्व पर लानत है...
धिक्कार है उनके घटिया विचारों, गन्दी सोच और तुच्छ मानसिकता भरे जीवन को, जो इस देश और धरती के लिए 'बोझ' के सिवाय कुछ भी नही...
भगवान सद्बुद्धि दे भारतीय युवाओं को...
ताकि वो राष्ट्रवादी और देशप्रेमी बन सकें...


"...बारह बरस लौं कूकर जीवै, अरु तेरह लौं जियै सियार।
बरस अठारह क्षत्रिय जीवै, आगे जीवन कौ धिक्कार।।..."

जब धिक्कार वाला जीवन शुरू हो जाये...
यानि कि उम्र अठारह वर्ष से ज्यादा हो जाए...
तो इस धिक्कारता से बचने का केवल एक ही उपाय है...
राष्ट्रवादी बनो... देश के लिए जीओ और देश के लिए मरो...
सबको राष्ट्रवादी बनने के लिए प्रेरित करो और राष्ट्रवाद का प्रचार करो...
कोई भी देश तभी विकसित होता है...
जब उसके देशवासी अपने देश को 'स्वयं' से ज्यादा प्रेम करते हैं...
यानि कि 'राष्ट्रवादी' होते हैं...
मैं सबको 'राष्ट्र के लिए समर्पित' बनाने का एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ...
और अहसास दिलाना चाहता हूँ सबको कि सारी दुनिया में सबसे बड़ी माँ है-
माँ भारती और उससे प्रेम ही निस्वार्थ और सार्थक प्रेम है...
मेरा कार्य सिर्फ 'जोड़ना' है सबको...
एक बड़ा 'काफिला' चाहिए जो वतन की राहों को 'रौशन' कर दे...
मुझे उम्मीद है कि आप 'सच्चे राष्ट्रवादी' बनेंगे...
और हम सबका केवल एक ध्येय होगा-
"राष्ट्र सर्वप्रथम सर्वोपरि."

मुझसे जुड़ने वाले हर व्यक्ति को बता दूँ कि-
मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी या संगठन से कोई सरोकार नहीं रखता...
खिलाफत कर सकता हूँ, समर्थन नहीं करता...
मेरे जीवन का एकमात्र उद्देश्य माँ भारती की सेवा करना है...
लोगो को जागृत करके, बुराई का विरोध करके...
मैं उन सभी विचारों, नीतियों और लोगों का विरोध करता हूँ
जिन पर आदर्शवाद और नैतिकता धिक्कारते हैं...

वन्दे मातरम्...
जय हिंद... जय भारत...